CORONA WARRIOR-Saiyaad Suhel Ali

ग्वालियर के सेवानिवृत्त आइएएस ने अपनाया चुपचाप मदद का मॉडल सामने आए बिना लोगों के घरों तक पहुंचाई राहत

Sayad suhel ali

सैयद सुहैल अल सेवानिवृत्त आइएएस

 

कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की मदद करने सैकड़ों हाथ बढ़े, लेकिन ऐसे लोग बिरले ही थे, जिन्होंने एक हाथ से मदद की तो दूसरे हाथ को पता ही नहीं लगने दिया। इन्हीं में से एक हैं, सेवानिवृत्त आइएएस सैयद सुहैल अली, जिन्होंने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों के बारे में जानकारी ली और सुबह उनके बंद दरवाजे के बाहर राशन रखवाया। उसके बाद लोग खोजते रह गए कि आखिर ये मददगार कौन था। उनके मित्र आरके व्यास बताते हैं कि उन्होंने शादी नहीं की, जरूरतमंद लोगों में ही अपना परिवार देखा। वे बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के मेंबर पद से 30 अप्रेल 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे।

जमीन नहीं, दिलों में बनाई जगह-

भिंड कलक्टर रहे सुहैल अली ने अपने लिए कोई जमीन नहीं खरीदी। उन्होंने अपने सेवाभाव से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनका पैतृक मकान झांसी में है और 62 साल की उम्र में भी वह एकदम फिट हैं।

लोगों की मुस्कान से आत्मसंतुष्टि

मदद हमेशा गुप्त तरीके से करनी चाहिए। मैंने कभी सुर्खियों में आने की चाह नहीं रखी मदद मिलने के बाद लोगों की मुस्कान से मु आत्मसंतुष्टि मिलती है।


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