भारत का पहला वैदिक पार्क: परिचय, सप्तऋषि पार्क, और कैसे पहुँचे?

भारत का पहला वैदिक पार्क: परिचय, सप्तऋषि पार्क, और कैसे पहुँचे?

Ved Van First Vedic Park Noida

भारत का पहला वैदिक पार्क:

आज हम यहाँ पर बात करेंगे हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में खुलने वाले पहले वैदिक पार्क की । इस वैदिक पार्क को खोलने का मुख्य उद्देश्य भारतीय वेद-पुराणों की संस्कृति को शिक्षा से जोड़ना और आने वाली नई पीढ़ी को भारतीय वैदिक सभ्यता के बारे में जागरूक करना है ।

वैसे दिल्ली एनसीआर में नोएडा शहर बड़ी-बड़ी इमारतो और नाइट लाइफ के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध शहर माना जाता है । यहां पर लाखों पर्यटक घूमने और पार्टीयां करने के लिए आते हैं। इसके अलावा भी नोएडा जैसे खूबसूरत शहर में डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया, किडजानिया, वर्ल्ड ऑफ वंडर, द ग्रैंड वेनिस मॉल और ग्रीन गार्डन जैसी कई बेहतरीन जगहों पर वीकेंड में हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं । ऐसे में भारत के पहले वैदिक पार्क का यहाँ खुलना पर्यटकों की ख़ुशी में चार चाँद लगने जैसा प्रतीत हो रहा है।

वैदिक पार्क: परिचय

पहला भारतीय वैदिक पार्क भारत की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तरप्रदेश राज्य के नोएडा शहर के सेक्टर-78 में खुला है जो लगभग 12 एकड़ यानी 29 हजार 300 वर्गमीटर जमीन पर बना हुआ हैं। इस वैदिक पार्क का निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था और जून 2023 में इसका निर्माण पूर्ण हुआ । इस वैदिक पार्क का लोकार्पण यूपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा 4 जुलाई 2023 को किया गया था ।

भारत के पहले वैदिक पार्क को पूर्ण रूप से वैदिक थीम पर ही निर्मित किया गया हैं। इस वैदिक पार्क का नाम भी वेद वन रखा गया हैं । इस पार्क में वैदिक थीम के अंतर्गत वेदों के बारे में ही नहीं बल्कि वेदों में उल्लेखित पेड़ पौधों के बारे में भी बताया गया है। इस वेद-वन में करीब 50,000 पेड़-पौधे लगाए गए हैं । करीब 27-28 करोड़ की लागत से भारत के पहले वैदिक पार्क को बनाया गया तथा इस वैदिक पार्क के सम्पूर्ण विस्तार में अलग-अलग जोन में वेदों के बारे में भी बताया गया है । ये ही नहीं हर विभाजित वेद जोन में उस वेद में उल्लेखित पेड़-पौधों और औषधियाँ भी लगाई गयी है । इसके अलावा भी पूरे पार्क में वॉकिंग करने के लिए अलग-अलग जोन में ट्रैक बनाये गए है ।

तो आइये हम विस्तार से जानते है भारत में बने पहले वैदिक पार्क के बारे में कुछ रोचक बातें -

भारतीय पहले वैदिक पार्क की सबसे खास बात यह है कि यह पूर्णतयाः वेदो और पुराणों से जुड़ा हुआ हैं तथा उनमे उल्लेखित सप्तऋषियों के नाम के साथ उनकी मूर्तियों को भी स्थापित किया गया हैं । सिर्फ इतना ही नहीं वैदिक पार्क में जिन ऋषियों के नाम का एक अलग जोन बनाया गया है, उसमे उन सप्तऋषि के जीवन से जुडी किसी खास घटना को भी स्कल्पचर और आर्ट के जरिये दर्शाया गया है । अतः यह पार्क ऋषिमुनियों को समर्पित पार्क है।

इस शानदार वैदिक पार्क में भारतीय संस्कृति, मनोरंजन और प्राकृतिक शांति का सही मिश्रण देखा जा सकता है । यहां जाकर आप अपने देश के इतिहास और भावना से जुड़े ऐसे पल अनुभव कर सकते हैं कि जैसा पहले कभी ना किया हो। इस वैदिक थीम पार्क में ऋग्वेद, अर्थववेद, यजुर्वेद और सामवेद के अंश की गहराई को देखा जा सकता है।

इनके अलावा भी वैदिक पार्क में चारों वेदों के बारे में भी पूरे विस्तार से बताया गया है। इस पार्क में हर एक वेद के बारे जानकारी देते हुए अलग-अलग ज़ोन बनाए गये हैं। जिस ज़ोन में जिस वेद के बारे में बताया गया है उस ज़ोन में वेद में उल्लेखित पेड़ और औषधियां भी लगायी गयी हैं । इस तरह से पूरे वैदिक पार्क में करीब 50,000 से भी अधिक पेड़ लगाए गये हैं। इसी कारण से इसे वेद-वन का नाम भी दिया गया है ।

इस वैदिक पार्क को वेद ऋषियों के आधार पर सात अलग-अलग जोन हिस्सों में विभाजित किया गया है तथा इन सातों हिस्सों को वैदिक युग के ऋषियों जैसे गौतम ऋषि, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, कश्यप ऋषि, अगस्त्य ऋषि, वशिष्ठ ऋषि और विश्वामित्र ऋषि के नाम दिए गए है । पार्क में इन ऋषियों और पवित्र ग्रंथों के बारे में भी जानकारी को स्कल्पचर की सहायता से प्रदर्शित की गई है । प्रत्येक जोन में ऋषि मुनि की मूर्ति स्थापना के साथ उनके ज्ञान और उपदेशों की जानकारी का वर्णन भी दर्शाया गया है ।

पर्यावरण संरक्षण के अनुसार वैदिक थीम पार्क में वैदिक साहित्य में वर्णित कई प्रजातियां सहित 50,000 से अधिक पौधें पार्क में लगाए गए हैं । साथ ही चारों वेदों में जिन पेड़-पौधों का जिक्र किया गया है, उन्हें भी इस वेद-वन में हम देख सकते हैं । जिनका उपयोग धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यज्ञ, हवन, धार्मिक अनुष्ठान आदि में किया जाता हैं । इनके अलावा कुछ पौधे और जड़ी-बूटी रोग दूर करने वाली औषधि बनाने में भी उपयोग में लाई जाती हैं । इन पेड़ पौधों को वेद वन में एक ग्रीन हाउस में लगाया गया हैं तथा साथ ही इनके वानस्पतिक नाम भी बताए गए हैं ।

मुख्यत: इनमें शामिल पेड़ जैसे - इमली, अर्जुन, बेर, कल्पवृक्ष, नीम, बरगद, बेल, कटम्ब, कटहल, पलाश, गूगल, कमंडल, सैमुल, अमलतास, पीपल, आम, रुद्राक्ष, मंदार, केला, आंवला, रीठा, चंदन, पारिजात, अशोक, सीता अशोक, साल, बकुला, आदि है।

वैदिक पार्क में हर रोज शाम को 8:00 बजे से 8:30 बजे (30 मिनट) तक वाटर व लेजर शो होता है । जिसमें भारतीय शिक्षा-संस्कृति से जुड़े चारों वेदों और पुराण के बारे में जानकारी दी जाती हैं । इसके अलावा भी वेद वन में चार वेदों – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मुख्य आकर्षण के साथ कई दीवार बनाई गयी हैं, जिन पर सप्तऋषियों और मुनियों की मूर्तियां भी लगायी गयी हैं जिन पर शाम के समय रौशनी का नजारा काफी खूबसूरत लगता है। वेद वन में शाम का यह नजारा देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है।

नोएडा वैदिक पार्क कैसे पहुंचे ?

  •  दिल्ली से नोएडा : 1 घंटा 13 मिनट (47.6 किमी.)
  •  आगरा से नोएडा :2 घंटे 37 मिनट (190 किमी.)
  •  चंडीगढ़ से नोएडा :4 घंटे 31 मिनट (276 किमी.)
  •  गुड़गांव से नोएडा :1 घंटा 16 मिनट (51.9 किमी.)
  •  जयपुर से नोएडा :4 घंटे 51 मिनट (291 किमी.)
  •  हैदराबाद से नोएडा :23 घंटे 4 मिनट (1,522 किमी.)

 रेल मार्ग द्वारा:-

वैदिक पार्क का निकटतम रेलवे स्टेशन बहिरा कालीबाड़ी रेलवे स्टेशन है, जो 16.0 किमी दूर है। यहाँ से ऑटो रिक्शा, कैब द्वारा आसानी से वैदिक पार्क तक पहुंचा जा सकता है।

 हवाई मार्ग से:-

यह वैदिक पार्क नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से केवल 20 मिनट की दूरी पर है। यहां से आप वैदिक पार्क तक पहुंचने के लिए ऑटो ले सकते है या कैब बुक कर सकते हैं।

वैदिक पार्क के निकट कौन सा मेट्रो स्टेशन है ?

भारत के पहले वैदिक पार्क के पास सेक्टर 101 नोएडा मेट्रो स्टेशन निकटतम मेट्रो स्टेशन जहां से 5 मिनट की पैदल दूरी पर वेद - वन (वैदिक पार्क) स्थित है।


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